Thursday, December 17, 2009

महंगाई ! क्या होगा

 हर तरफ मंदी ही मंदी
हर तरफ छटनी ही छटनी
महंगाई है सुरसा मुँह बाये
क्या होगा ...

भीख का कटोरा भी
नहीं गरीबों के पास
महंगाई इतनी बढ़ी कि
धन्ना सेठों ने भी
कर ली है इसकी जमाखोरी
क्या होगा...

पुरानी बोतल मे
भरी जा रही नई शराब
सौ ग्राम की जगह
ले रहे दो सौ का दाम
क्या होगा...

नया साल है आ रहा
महंगाई मे ग्रीटिंग्स बिकेंगे कम
रेस होगा एसमएस और
दो अधर के  मिलनों के बीच
क्या होगा...

हिमांशु